Top 10 causes of miscarriage
गर्भपात के शीर्ष 10 कारण क्या है?
- जीन या गुणसूत्र की असामान्यता
- महिलाओ में हार्मोनल असंतुलन की समस्या
- मोटापा
- गर्भाशय संबंधी असामान्यताएं
- विष-प्रेरित गर्भपात
- गर्भाशय में संक्रमण
- जन्मजात विकृतियां
- प्रतिरक्षा विकार – कुछ ऑटोइम्यून विकार बार-बार गर्भपात का कारण बनते हैं।
- रक्त के थक्के जमने के विकार
- मधुमेह
गर्भपात के कितने प्रकार होते है?
- मिस्ड गर्भपात – इसमें गर्भावस्था स्वयं समाप्त हो जाती है।
- अधूरा गर्भपात – इसमें महिला को भारी रक्तस्राव और पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है।
- पूर्ण गर्भपात – पेट में तेज दर्द होना और भारी रक्तस्राव होना पूर्ण गर्भपात के लक्षण हो सकते हैं।
गर्भपात पूरा हुआ या अधूरा कैसे पता करें?
- निदान अल्ट्रासाउंड से होता है। पूर्ण गर्भपात – पेट में तेज दर्द होना और भारी रक्तस्राव होना पूर्ण गर्भपात के लक्षण हो सकते हैं।
- इसमें गर्भाशय से भ्रूण पूरी तरह से बाहर आ जाता है।
- अपरिहार्य गर्भपात – इसमें रक्तस्राव होता रहता है और गर्भाशय ग्रीवा खुल जाती हैए जिससे भ्रूण बाहर आ जाता है।
गर्भपात के शीर्ष के लक्षण क्या है?
- गंभीर पेट दर्द या ऐंठन
- हल्के से गंभीर पीठ या श्रोणि दर्द
- भारी स्पॉटिंग
- योनि स्राव और रक्तस्राव
- संकुचन या कॉन्ट्रैक्शंस
- थकान
गर्भपात रोकने का घरेलु उपाए क्या है?
- प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अपने खाने में हींग का प्रयोग करना चाहिए। जिससे महिलाओं में गर्भपात की समस्या कम हो जाती है।
- अगर अचानक से महिला को रक्तस्राव (खून) बहने लगा हो तो अनार के ताजा पत्ते (100 ग्राम) लेकर पानी मिलाकर अच्छी तरह से पीसकर छान लें। छने हुए पानी या जूस को गर्भवती महिला को पिला दीजिए।
- प्रेंग्नेंसी के समय महिलाओं को विटामिन-सी की बहुत जरूरत होती है। क्योंकि ये आयरन की कमी को पूरा करता है और भ्रूण का विकास होने में मदद करता है। शिशु की इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। जैसे; पत्ता गोभी, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, संतरा आदि खाना चाहिए
- गर्भावस्था में एक गिलास दूध में एक गाजर का रस मिलाकर उबालें, जब आधा रह जाए तो इसे गर्भवती महिला को पीने के लिए देना चाहिए। इसका प्रयोग प्रतिदिन करना फायदेमंद होता है। जिन महिलाओं का गर्भ नहीं ठहर रहा हो वह इस नुस्खे को आजमा सकते हैं,इससे अवश्य फायदा मिलेगा।
- गर्भपात का भय अगर लगातार बना रहता है तो ऐसे हालात में काले चने का काढ़ा बहुत लाभप्रद होता है। यह भी गर्भपात की संभावनाओं को टालता है।
- गर्भधारण करते ही महिलाओं को रोजाना 250 ग्राम दूध में आधी चम्मच सौंठ, चौथाई चम्मच मुलहठी मिलाकर पीने से भी गर्भपात का खतरा नहीं रहता है।
- गर्भधारण के लिए पलाश के पत्ते वरदान से कम नहीं है। गर्भधारण के पहले महीने में एक पत्ता, दूसरे महीने में दो पत्ते इसी तरह हर महीने के हिसाब से उतने पत्ते दूध में मिलाकर गर्भवती स्त्री को दिया जाए तो गर्भ सुरक्षित रहता है।
- जिन महिलाओं को बार-बार गर्भपात की समस्या होती है उन महिलाओं को नियमित तौर पर लौकी का जूस या सब्जी खिलानी चाहिए।
- जिन महिलाओं को गर्भावस्था के कुछ समय बाद खून आने लगता है। जिनके कारण गर्भपात होने का अंदेशा लगता है तो उस समय एक चम्मच पिसी हुई फिटकरी को कच्चे दूध के साथ पानी मिलाकर लेने से गर्भपात रुक जाता है।
- गर्भवती स्त्रियों में धतूरे के जड़ की माला बनाकर पेट के नीचे बाँध देना चाहिए। ऐसा करने से बार-बार हो रहे गर्भपात की समस्या कम हो जाती है।
- 12 ग्राम जौ के आटे को 12 ग्राम पिसे काले तिल और 12 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर आधा-आधा चम्मच रोज शहद के साथ चाटने को दें। इससे बार-बार होने वाला गर्भपात रुक जाता है।
गर्भपात के लिए कौन से डॉक्टर को दिखाए?
- Gynecologists
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PUBLISHED BY HEALTHS RAINBOW