थकान के लक्षण क्या होते हैं?

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Fatigue

थकान क्या है?

tired

थकान को मेडिकल भाषा में फाटिग (Fatigue) भी कहा जाता है, जिसमें आपको न सिर्फ कमजोरी महसूस होती है, बल्कि ऊर्जा की भी कमी रहती है। कुछ लोग इसे आलस (Lazy) या नींद (Sleep) आने से भी जोड़ लेते हैं, जो कि बिल्कुल अलग है। ध्यान रखें कि, जब हम थकान की समस्या के बारे में बात करते हैं, तो हमारा तात्पर्य उस थकान से नहीं होता, जो कि हर किसी को भारी काम या अतिरिक्त शारीरिक क्रिया करने के बाद हो जाती है। बल्कि, समस्या के रूप में थकान से मतलब होता है, हर समय थकावट (Fatigue) का एहसास करना, जिसे आप कमजोरी और ऊर्जा की कमी के रूप में भी देख सकते हैं। दरअसल, थकान या थकावट होना कई छुपी हुई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का लक्षण या संकेत हो सकता है, इसके अलावा यह खुद में भी एक प्रकार का सिंड्रोम हो सकता है। इसके कारण आपको अपनी आम दैनिक गतिविधि जैसे नहाना, कपड़े पहनना आदि में भी थकावट महसूस हो सकती है और यह आपकी जिंदगी को काफी प्रभावित करता है।

थकान के मुख्यतः कितनी की प्रकार होती है?

थकान के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं। जैसे-

  1. शारीरिक थकान (Fatigue) में व्यक्ति को शारीरिक गतिविधि जैसे, कहीं आना-जाना या सीढ़ी चढ़ना आदि में परेशानी होने लगती है।
  2. इसके अलावा, मानसिक थकान (Mental Fatigue) भी होती है, जिससे शरीर पर भी फर्क पड़ता है, लेकिन इससे मुख्य रूप से आपके ध्यान लगाने और फोकस करने की क्षमता में कमी आने लगती है।

थकान के लक्षण क्या होते हैं?

थकान (Fatigue) होने पर व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक गतिविधि करने में परेशानी होने लगती है। आइए, जानते हैं, कि थकान के साथ और कौन-से लक्षण दिखाई देने लगते हैं और यह लक्षण शारीरिक या मानसिक मेहनत करने के दौरान या बाद में और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं।

  • सिरदर्द (Headache) होना।
  • चिड़चिड़ा होना।
  • प्रतिक्रिया देने में देरी करना या किसी चीज को समझने में परेशानी महसूस होना।
  • आंखों के सामने धुंधलापन आना।
  • ध्यान लगाने या नयी चीजें सीखने में परेशानी होना।
  • मसल्स में दर्द या सूजन आना।
  • दिन में सुस्ती छाना।
  • पेट फूलना, कब्ज, डायरिया जैसी पेट संबंधित परेशानी रहना।
  • अचानक वजन घटना।
  • बुखार या सिहरन होना।
  • चिंता या डिप्रेशन में रहना।
  • उल्टी होना।
  • सांस फूलना।
  • सीने में दर्द, आदि होना

थकान के कारण क्या होते हैं?

थकान/फाटिग होने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जो कि मानसिक, शारीरिक व जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं। जैसे-

  1. शारीरिक कारणों में एनीमिया, क्रॉनिक फैटीग सिंड्रोम, कमजोर इम्यून सिस्टम, जुकाम या फ्लू जैसे इंफेक्शन, अर्थराइटिस, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, मोटापा, हाइपोथायरॉइडिज्म, हाइपरथायरॉइडिज्म, मधुमेह, किडनी रोग, कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), स्लीप व ईटिंग डिसऑर्डर आदि हो सकता है।
  2. वहीं, मानसिक कारणों में चिंता, तनाव, दुख, अवसाद और मौसम से प्रभावित विकार (हर साल एक ही समय पर डिप्रेशन होना) हो सकते हैं।
  3. इसके अलावा, जीवनशैली से जुड़े कारणों में शारीरिक मेहनत, नींद लेने में कमी, बोरीयत, शराब की लत, कैफीन का अत्यधिक सेवन, अपौष्टिक खानपान, शारीरिक गतिविधि की कमी, एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाओं का सेवन आदि शामिल हो सकते हैं।

थकान का पता किन टेस्ट की मदद से लगाया जाता है?

आप में थकान की समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट कर सकता है। जैसे-

शारीरिक जांच (Body checkup)

थकान का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपकी शारीरिक जांच करेगा। जिसमें आपके अंदर थकान के लक्षण, दिन के किस समय सबसे ज्यादा थकान होती है, नींद का स्तर और आपके भावनात्मक स्तर के बारे में सवाल कर सकता है। इसके बाद वह इन लक्षणों के अन्य कारणों की आशंका को खत्म करने के लिए निम्नलिखित टेस्ट कर सकता है।

  • ब्लड टेस्ट (Blood test)
  • यूरिन टेस्ट (Urine test)
  • एक्स-रे (X-ray) व अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) जैसे इमेजिंग स्कैन
  • मेंटल हेल्थ (Mental health) से जुड़े सवाल
  • इंफेक्शन (Infection) की जांच
  • हार्मोनल समस्या
  • एनीमिया (Anemia) की जांच
  • लिवर (Liver) समस्या या किडनी (Kidney) समस्या के लिए टेस्ट, आदि

थकान (Fatigue) को नियंत्रित करने के तरीके क्या हैं?

थकान को नियंत्रित करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि मुख्यतः आपकी जीवनशैली से जुड़े हैं। जैसे-

  • बेड टाइम फिक्स करना।
  • पौष्टिक खानपान।
  • कैफीन का सेवन कम करना।
  • शराब या धूम्रपान छोड़ना।
  • मेडिटेशन करना।
  • नियमित व्यायाम करना।

थकान का इलाज कैसे किया जाता है?

थकान का इलाज उसके कारण के ऊपर निर्भर करता है। जैसे-

  • अगर आपको जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं की वजह से थकान महसूस हो रही है, तो डॉक्टर आपकी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की सलाह दे सकता है। जैसे- पर्याप्त नींद लेना, पौष्टिक खानपान, किसी दवा को बंद करने की सलाह देना, एक्सरसाइज करना, शराब (Alcohol) या धूम्रपान (CSmoking) न करने की सलाह देना आदि।
  • अगर, आप खुद जीवनशैली में बदलाव नहीं कर पा रहे हैं या फिर आपको तनाव (Tension), चिंता, डिप्रेशन की वजह से थकावट महसूस हो रही है, तो डॉक्टर विटामिन व मिनरल सप्लीमेंट्स, आराम प्राप्त करने के लिए नींद की दवा, एंटी-डिप्रेसेंट दवा आदि का सेवन करने की सलाह दे सकता है।
  • इसके अलावा, अगर आपको मधुमेह, मोटापा (Obesity), थायरॉइड (Thyroid) आदि किसी बीमारी की वजह से थकावट हो रही है, तो वह आपकी इन समस्याओं का इलाज करने के लिए ट्रीटमेंट चला सकता है।

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