Filariasis (Elephantiasis)
फाइलेरिया (हाथी पांव) क्या है?
फाइलेरिया एक शारीरिक बीमारी है, जिसे हिंदी में हाथी पांव कहते हैं। इसे अंग्रेजी में फाइलेरियासिस और एलीफेंटिटिस भी कहते हैं। फाइलेरिया या हाथी पांव की समस्या से पीड़ित सबसे अधिक लोगों की संख्या भारत में हैं। फाइलेरिया बीमारी का संक्रमण आमतौर से बचपन में ही हो सकता है। लेकिन इसके गंभीर लक्षण सात से आठ सालों में दिखाई दे सकते हैं। इसे फीलपांव और श्लीपद भी कहते हैं। सामान्य तौर पर उष्णकटिबंधीय देशों में इसके मरीजों की संख्या सबसे अधिक पाई जा सकती है। फाइलेरिया बीमारी परजीवी (पैरासिटिक) निमेटोड कीड़ों के कारण होता है जो छोटे धागों जैसे दिखाई देते हैं।
फाइलेरिया के प्रकार?
परजीवी (पेरेसिटिक) कीड़ें शरीर के किस क्षेत्र को प्रभावित करते हैं, उसके अनुसार ही फाइलेरिया की बीमारी हो सकती है, जो 3 प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- लिम्फेटिक फाइलेरिया
- सबक्यूटेनियस फाइलेरिया
- सीरस केविटी फाइलेरिया
फाइलेरिया (हाथी पांव) के लक्षण क्या हैं?
- सामान्य और स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति के पैरों, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों में अचानक से बहुत ज्यादा सूजन होना
- प्रभावित अंगों के स्किन का रंग बदलना या लाल रंग का होना
- प्रभावित अंगों में सूजन के साथ दर्द होना
- ऐसे लक्षणों के साथ व्यक्ति को बुखार होना
- ये सूजन हाथ-पैरों के साथ-साथ अंडकोष में भी हो सकते हैं।
- शुरू में ये सूजन अस्थायी हो सकते हैं, लेकिन कुछ समय बाद ये स्थायी हो सकते हैं, जिसका इलाज संभव नहीं है।
फाइलेरिया (हाथी पांव) के क्या कारण हो सकते हैं?
- बीमार व्यक्ति का खून किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में चढ़ाना
- बीमार व्यक्ति का जूठा खाना या पानी पीना
- बीमार व्यक्ति को किस करना (मुंह में बनने वाले लार्वा से इसके फैलने की संभवना हो सकती है)
फाइलेरिया (हाथी पांव) को कैसे रोका जा सकता है?
- रात में सोते समय कमरे का तापमान ठंडा रखें।
- दिन और रात के समय भी मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- अगर कूलर का इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी सफाई का ध्यान रखें। हर दिन उसका पानी बदलें।
- लंबे आस्तीन और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। कोशिश करें कि हमेशा कॉटन के कपड़े पहनें ताकि शरीर को हवा लगती रहे।
- मच्छरों को दूर रखने के लिए अपनी त्वचा पर दवाइयों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- अगर आपके क्षेत्र में मच्छरों की समस्या अधिक है, तो ऐसी दवाइयों के इस्तेमाल के बारे में विचार करें जिससे इनका निपटारा किया जा सके।
- आप अपने क्षेत्र की स्थिति अपने नगरपालिका को भी सूचित कर सकते हैं।
फाइलेरिया या हाथी पांव के मरीजों को क्या खाना चाहिए?
- लो फैट और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
- अधिक से अधिक मात्रा में ताजे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- प्रोबायोटिक्स का सेवन करना चाहिए। यह आसानी से पचाए जाने वाला खाद्य पदार्थ होते हैं जिससे गैस या कब्ज की समस्या कम हो सकती है।
- विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- जो लोग प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं उन्हें अपने खाने में सामान्य नमक के बदले ऐसे नमक का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमे डाइथाइलकार्बामाजीन की मात्रा हो।
- कुछ शोध के मुताबिक, अजवायन की पत्तियां फाइलेरिया के उपचार में लाभकारी हो सकती हैं। इसके सेवन के लिए आप अपने आहार में इसकी पत्तियां शामिल कर सकते हैं।
फाइलेरिया (हाथी पांव) का उपचार कैसे किया जाता है?
निम्न विधियों से हाथी पांव का उपचार किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैंः
- रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी
- आइवरमेक्टिन और अल्बेंडाजोल
- एरोसोल
- फाइलेरिया उन्मूलन
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