Stool Test
स्टूल टेस्ट क्या है?
स्टूल टेस्ट (stool test) या मल परीक्षण को स्टूल कल्चर टेस्ट (stool culture test) के नाम से भी जाना जाता है। स्टूल टेस्ट आंत्र कैंसर की जांच करने और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए एक मल परीक्षण है। यह परीक्षण रोगी के मल के नमूने में हानिकारक बैक्टीरिया की पहचान करता है।
स्टूल टेस्ट की प्रक्रिया क्या है?
- मल परीक्षण (stool test) के द्वारा मरीज के मल में कोई बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया की मौजूदगी का पता लगाने में मदद मिल सकती है।
- एक तकनीशियन (technician) जीवाणुरहित विशेष प्रकार की प्लेटों पर मरीज के मल का छोटा सा नमूना लेकर फैला देते हैं। प्लेटों में एक जेल होगा जो उपज माध्यम (growth media) के रूप में कार्य करता है और बैक्टीरिया के विकास में योगदान देता है।
- फिर प्रयोगशाला तकनीशियन (technician) डाई का धुंधलापन (dye staining), सूक्ष्मदर्शी विश्लेषण (microscope analysis) और अन्य परीक्षणों का उपयोग करके, बैक्टीरिया की पहचान करने की कोशिश करते हैं।
परीक्षण के दौरान मरीज के मल के नमूने में निम्नलिखित बैक्टीरिया की तलाश की जा सकती है:
- कैम्पिलोबैक्टर प्रजातियां (Campylobacter species)
- साल्मोनेला प्रजातियां (Salmonella species)
- शिगेला प्रजातियां (Shigella species)
- ई कोलाई बैक्टीरिया (E. coli Bacteria)
स्टूल टेस्ट क्यों आवश्यक है?
- मल टेस्ट (stool test), पाचन तंत्र या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के साथ सम्बंधित समस्याओं को समझने और इलाज करने में मदद कर सकता है।
- अनेक प्रकार के पाचन सम्बन्धी लक्षणों का अनुभव करने के कई कारण हो सकते हैं।
- अतः डॉक्टर हानिकारक बैक्टीरिया से संक्रिमित बीमारी का निदान करने के लिये स्टूल टेस्ट या stool culture का आदेश दे सकता है।
- पाचन तंत्र में संक्रमण के कारण अनेक असुविधाजनक लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। कुछ मामलों में यह बीमारियाँ जीवन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती हैं।
अतः अलग-अलग प्रकार के संक्रमण एक ही प्रकार के लक्षणों को पैदा कर सकते हैं, जैसे कि:
- बुखार
- गंभीर दस्त
- जी मिचलाना और उल्टी
- मल में खून की उपस्थिति
- पेट दर्द और क्रैम्पिंग (cramping)
स्टूल टेस्ट की तैयारी कैसे करे?
- स्टूल टेस्ट (मल टेस्ट) के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है।
- मरीज द्वारा मल के नमूने को घर पर ही एकत्र किया जा सकता है।
- लकिन यदि मरीज ने हाल ही में एंटीबायोटिक्स का सेवन किया है, तो नमूना लेने से पहले डॉक्टर को इन दवाओं की जानकारी अवस्य दें।
स्टूल परीक्षण की सावधानियां क्या है?
- नमूना लेते समय हाथों को साफ रखें या किसी दूषित वस्तु से स्पर्श न होने दें।
- संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नमूने को ध्यान से संभालने की जरूरत है।
- मूत्र या टॉयलेट पेपर के साथ मल के नमूने को दूषित न करें।
- डॉक्टर द्वारा दी गई जीवाणुरहित शीशियों (sterile vials) में ही नमूने को इकट्ठा करें।
- डॉक्टर या पैथोलॉजी प्रयोगशाला में नमूने को जल्दी से जल्द ले जाना चाहिए।
- यदि नमूने को प्रयोगशाला में तुरंत नहीं ले जाया जा सकता है, तो नमूना को ठंडा रखने के लिए फ्रिज में अन्य वस्तुयों से दूर सुरक्षित तरीके से रखना चाहिए।
स्टूल परीक्षण के लिए कौन-से डॉक्टर को दिखाए?
- Urologists
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