सेकेंड्री इनफर्टिलिटी के कारण क्या है?

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Secondary infertility

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी क्या है?

Secondary-Infertility

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी (Secondary infertility) के केस में कुछ विशेष कारणों के चलते दोबारा गर्भधारण में समस्या होती है। ऐसा भी संभव है कि बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की फर्टिलिटी में परिवर्तन आने लगे या फिर पार्टनर में कुछ समस्या उत्पन्न हो जाए। ये समस्या निम्न कारणों से भी हो सकती है।

  • यूटेरस में फर्टिलाइज एग का इंप्लांटेशन करने के कारण
  • फर्टिलाइज एग के यूटेरस में जाने के कारण
  • स्पर्म के साथ एग के फर्टिलाइजेशन के कारण

इस समस्या कई अन्य कारण व कंडिशन हो सकती हैं। कुछ मामलों में इनफर्टिलिटी के कारण को बताना एक्सपर्ट के लिए भी मुश्किल होता है। इस विषय पर बात करने के पूर्व यह जानना बेहद ही जरूरी है कि इनफर्टिलिटी के लिए पुरुष व महिलाओं दोनों ही कारण बन सकते हैं।

इनफर्टिलिटी के रेट की बात करें तो कुल 35 फीसदी कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझते हैं। जिनमें 8 फीसदी मामलों में पुरुषों में शारीरिक या अन्य किसी कमी के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या होती है।

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी के कारण क्या है?

  • सेकेंड्री इनफर्टिलिटी के कारण भी एक समान ही हो सकते हैं,
  • लेकिन सबसे अहम बात यह कि ज्यादातर मामलों में इनफर्टिलिटी के लिए पुरुष-महिलाओं का दोष नहीं होता। बावजूद इसके लोगों को निराशा होती है,
  • इसलिए गर्भवती होने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए ताकि सुरक्षित तरीके से गर्भधारण किया जा सके। सामान्य तौर पर निम्न कारणों की वजह से लोगों में इनफर्टिलिटी की समस्या देखने को मिलती है।

ऑव्युलेशन डिसऑर्डर?

ज्यादातर महिलाओं में देखा गया है कि ऑव्युलेशन डिसऑर्डर की वजह से उन्हें इनफर्टिलिटी की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। निम्न कारणों से ऑव्युलेशन में समस्या हो सकती है।

  • लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे: वजन का बढ़ना, न्यूट्रिशन में कमी, अत्यधिक शराब का सेवन करने के साथ ही ड्रग्स लेने से थायराॅइड और अन्य एंडोक्राइन डिसऑर्डर (thyroid or other endocrine disorders) के कारण हाॅर्मोन प्रोडक्शन में समस्या
  • उम्र बढ़ने से महिलाओं में एग का सामान्य रूप से न बन पाना
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस- polycystic ovary syndrome (PCOS))
  • प्राइमरी ओवेरियन इनसफिशिएंसी (पीओआई- primary ovarian insufficiency (POI)

महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या में सबसे बड़ा व सामान्य कारण पीसीओएस है। इसकी वजह से ओवरी में हुए परिवर्तन के कारण एड्रेनल ग्लैंड (adrenal glands) सामान्य से ज्यादा मात्रा में हाॅर्मोन का रिसाव करते हैं। इस वजह से ओवरी को एग रिलीज करने में समस्या होती है और वह एग रिलीज नहीं कर पाती। बढ़े हुए हाॅर्मोन की वजह से ओवरी में सिस्ट उत्पन्न हो जाते हैं, जिसकी वजह से ऑव्युलेशन में समस्या होती है।

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी: यूटेरस और फैलोपियन ट्यूब में समस्या?

महिलाओं की शारीरिक बनावट भी कई बार गर्भधारण करने में समस्या बन सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि फैलोपियन ट्यूब में किसी प्रकार का ब्लॉकेज है तो उसके कारण स्पर्म व एग आपस में नहीं मिल पाएंगे। यूटेरस में किसी प्रकार के संरचात्मक समस्या के कारण भी महिला को गर्भवती होने में समस्या होती है।

फैलोपियन ट्यूब और यूटेरस में इन कारणों की वजह से भी आ सकती है समस्या, जैसे

  • असामान्य रूप से विकसित यूटेरस के कारण, जिसे यूनिकार्नुएट यूटेरस (unicornuate uterus) कहा जाता है
  • गर्भाशय में घाव (uterine scarring)
  • गर्भाशय में फाइब्रॉइड और पॉलिप्स (uterine fibroids or polyps)
  • एंडोमेट्रिओसिस (endometriosis) : यह गर्भाशय में होने वाली आम समस्‍या हैं। इसमें गर्भाशय की अंदर वाली लेयर बनाने एंडोमेट्रियम के टिशू असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं और यह फैलकर गर्भाशय से बाहर आ जाते हैं।
  • कई बार एंडोमेट्रियम की लेयर गर्भाशय की बाहरी लेयर के अलावा अंडाशय, आंत और अन्य प्रजनन अंगों तक भी फैल जाती है। इसे ही एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है।
  • एंडोमेट्रियम टिशू बढ़ने से प्रजनन अंगों जैसे फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय की क्षमता प्रभावित होती है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अधिक ब्‍लीडिंग और दर्द होता है और यह बांझपन का भी कारण बन जाती है। मतलब एंडोमेट्रियोसिस और गर्भधारण एक साथ होना बेहद मुश्किल है।

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी का कारण हो सकती है बढ़ती उम्र?

साइंटिफिकली उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में फर्टिलिटी की संभावनाएं भी कम होती जाती हैं। 20 से 30 साल गर्भावस्था के लिए अच्छी उम्र होती है, लेकिन 40 वर्ष के बाद समस्याएं आने लगती है। इसके अलावा अन्य कारण भी हैं, जिसकी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या होती है।

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी का इलाज कैसे किया जाता है?

यदि आप पहले गर्भधारण कर चुकीं हैं, लेकिन अब इस समस्या से ग्रसित हैं तो सबसे पहले डॉक्टर इसके कारणों का पता लगाने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर कुछ टेस्ट कराने का सुझाव दे सकते हैं, जैसे:

  • हार्मोन लेवल की जांच के लिए ब्लड टेस्ट
  • ऑव्युलेशन टेस्ट (Ovulation test)
  • पेल्विक एग्जाम (Pelvic examination)
  • फैलोपियन ट्यूब की जांच के लिए एक्स-रे
  • अ ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड (a transvaginal ultrasound)
  • यूटेरस व सर्विक्स को देखने के लिए अन्य जांच (uterus and cervix)

यदि टेस्ट में किसी प्रकार की कोई असमानता नहीं है, तो ऐसे में डॉक्टर मेल पार्टनर के टेस्ट कराने का सुझाव देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर दवा के साथ सर्जरी व एडवांस रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी- Advanced reproductive technology (ART) की मदद से भी मरीज का उपचार करते हैं।

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी से खुद को उबारने के लिए क्या करें?

  • खुद को और अपने पार्टनर पर दोष देना बंद करें
  • हमेशा सकारात्मक सोच रखें
  • अपने पार्टनर के साथ हेल्दी रिलेशन बनाएं
  • इस बात पर फोकस करें कि आगे क्या कर सकते हैं
  • सपोर्ट हासिल करने की तरकीब तलाशें

सेकेंड्री इनफर्टिलिटी के लिए कौनसे डॉक्टर को दिखाए?

  • Endocrinologists

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