निपाह वायरस होने का क्या कारण है?

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Nipah Virus

निपाह वायरस क्या है?

Nipah Virus

निपाह वायरस एक जानलेवा वायरस है। निपाह वायरस के कारण दुनिया भर में मौतों का आंकड़े भी डराने वाले हैं। इस वायरस की चपेट में आने पर पीड़ितों का डेथ रेट लगभग 74.5 प्रतिशत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, निपाह वायरस (Nipah Virus) एक तेजी से फैलने वाला वायरस है, जिसके संक्रमण से इंसानों को जानलेवा बीमारी हो सकती है।

निपाह वायरस कितना सामान्य है?

  • साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोगों के इस वायरस के शिकार होने के बाद इस वायरस के एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंचने का मामला भारत में सामने आया।
  • साल 1998-99 में जब ये बीमारी फैली थी, तो इस वायरस की चपेट में 265 लोग आए थे। अस्पतालों में भर्ती हुए इनमें से करीब 40 प्रतिशत मरीज ऐसे थे, जिन्हें गंभीर नर्वस बीमारी हुई थी और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
  • आमतौर पर, ये वायरस इंसानों में इंफेक्शन की चपेट में आने वाली चमगादड़ों, सूअरों या फिर दूसरे इंसानों से फैलता है।
  • मलेशिया और सिंगापुर में इसके सूअरों के जरिए फैलने की जानकारी मिली थी जबकि, भारत और बांग्लादेश में इंसान से इंसान का संपर्क होने पर इसकी चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है।

निपाह वायरस होने का क्या कारण है?

  • निपाह वायरस टेरोपोडिडेई परिवार के फ्रूट बैट (चमगाड़) के कारण फैलता है। ऐसे चमगादड़ का खाया हुआ फल खाने से यह वायरस फैल सकता है।
  • निपाह वायरस मनुष्यों में संक्रमित चमगादड़, सूअर और अन्य संक्रमित मनुष्य के संपर्क में आने से फैल सकता है।
  • मलेशिया और सिंगापूर में लोग आमतौर पर संक्रमित सूअरों के संपर्क में आने के कारण निपाह वायरस की चपेट में आए थे। इस वायरस पर की गई रिसर्च में पाया गया कि यह सूअरों में संक्रमित चंगादड़ो से आया था।
  • इसके बाद लोगो के संक्रमित सूअर को खाने या उसके पास जाने से वह संक्रमित हुए। इस महामारी में मनुष्य से मनुष्य के बीच फैलने के कोई मामले दर्ज नहीं हुए।
  • इसके विपरीत भारत और बांग्लादेश में निपाह वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में लगातार फैलने के मामलें सामने आते रहे। यह आमतौर पर निपाह वायरस से संक्रमित मरीज का ध्यान रखने वाले व्यक्तियों के साथ हुआ था।

 

निपाह वायरस  के लक्षण क्या है?

  • निपाह वायरस इंफेक्शन से आपको सांस लेने से जुड़ी गंभीर बीमारी हो सकती है जैसे, इंसेफ्लाइटिस।
  • ये लक्षण 24-48 घंटों में मरीज को कोमा में पहुंचा सकते हैं। इंफेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि, आधे मरीजों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी हो सकती हैं।
  • वायरस की चपेट में आने के 5 से 14 दिनों के बीच निपाह वायरस से संक्रमित होने के लक्षण दिखने लगते हैं। इसके बाद यह वायरस खख्स के लिए 3 से 14 दिनों तक तेज बुखार और सिरदर्द का कारण बन सकता है।

निपाह वायरस से बचने के उपाय क्या है?

  • चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आएं
  • पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें
  • संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं
  • जिन इलाकों में निपाह वायरस फैला हुआ है, वहां जाने से बचें
  • ऐसी जगहों पर भी न जाएं जहां पर चमगादड़ों का आना जाना लगा रहता हो
  • फलों को खाने से पहले उन्हें ठीक से धो लें।
  • पानी की टंकियों को ढककर रखें, फिर चाहें वे इंसानों के पानी स्टोर करने के लिए हो या फिर जानवरों के लिए।
  • पहले से कटे हुए फलों को खाने से बचें। इन्हें साबुत ही खरीदें और खुद धोकर काट कर खाएं।
  • वायरस से संक्रमित पशु खासकर सुअर के संपंर्क में न आएं।
  • अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखे जिन्हें देखकर आपको लगे कि निपाह के लक्षण हो सकते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें।

 

निपाह वायरस के लिए कौनसे डॉक्टर को दिखाए?

  • General Physicians

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