रोटावायरस के लक्षण क्या हैं?

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Rotavirus

रोटावायरस क्या है?

Rotavirus

रोटावायरस एक संक्रामक वायरस है, जो डायरिया का कारण है। यह शिशुओं और बच्चों में डायरिया होने का बहुत सामान्य कारण है। इससे पूरे संसार भर में लगभग दो लाख से अधिक मौते हो चुकी हैं। रोटा एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है पहिया। माइक्रोस्कोप के माध्यम से देखने पर रोटावायरस की आकृति गोल है। इसी कारण इसका नाम ‘रोटावायरस’ पड़ा। रोटावायरस की दवा के विकसित होने से पहले, यूनाइटेड स्टेट (US) के अधिकतर बच्चे पांच साल की उम्र से पहले इस वायरस का शिकार होते थे। हालांकि, रोटावायरस के इलाज के लिए कोई दवाई उपलब्ध नहीं है लेकिन कुछ दवाईयां हैं जो इसके लक्षणों को कम करने में प्रभावी होती हैं।

रोटावायरस के लक्षण क्या हैं?

  • टावायरस इंफेक्शन वायरस के संपर्क में आने के दो दिनों के भीतर शुरू हो जाता है। इसके शुरुआती लक्षण हैं उलटी (Vomiting) आना और बुखार । इसके बाद तीन से आठ दिनों तक पानी की तरह दस्त होते हैं। इस इंफेक्शन के कारण पेट दर्द भी होता है ।
  • बच्चे रोटावायरस होने पर दिन में कई बार पानी की तरह दस्त कर सकते हैं। यह लक्षण आमतौर पर तीन से नौ दिनों तक बने रहते हैं।
  • रोटावायरस के कारण शिशुओं और बच्चों को गंभीर डिहाइड्रेशन हो सकती है। दुर्लभ मामलों में गंभीर डिहाइड्रेशन मृत्यु का कारण भी बन सकती है। इसलिए, रोटावायरस इंफेक्शन की गंभीरता को समझना और सही समय पर इसका उपचार आवश्यक है।

रोटावायरस के लिए डॉक्टर को कब दिखाए?

बच्चों के मामले में

  • अगर बच्चे को 24 घंटे से अधिक समय से डायरिया (Diarrhea) हो
  • लगातार उल्टियां हो रही हों
  • काला मल या मल में रक्त (Blood) या मवाद का होना
  • 104 डिग्री सेल्सियस (40 डिग्री सेल्सियस ) या इससे तेज बुखार होना
  • बच्चे का सुस्त, चिड़चिड़ा या दर्द (Pain) में होना
  • बच्चों को रोटावायरस की स्थिति में डिहाइड्रेशन होने की संभावना भी होती है, जिसके कारण उनका मुंह सुख जाता है, बिना आंसुओं के रोना, थोड़ा या बिलकुल भी पेशाब (Urine) न आना, सुस्त रहना आदि। इन स्थितियों में भी तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

वयस्कों में मामले में

  • दो दिन से अधिक समय तक डायरिया (Diarrhea) होना
  • उल्टी या मल में खून होना
  • 103 डिग्री सेल्सियस (39.4 डिग्री सेल्सियस ) से अधिक बुखार (Fever) होना
  • अगर डिहाइड्रेशन के लक्षण जैसे प्यास लगना, मुंह का सुखना, मूत्र का न या कम आना, कमजोरी, बेहोशी आदि हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

रोटावायरस के कारण क्या हैं?

अगर बच्चे को रोटावायरस है तो यह वायरस लक्षण शुरू होने के पहले उसके मल में हो सकता है और दस दिनों तक रह सकता है। अगर शौचालय का उपयोग करने के बाद आपका बच्चा इसे पोंछता है, तो रोटावायरस (Rotavirus) उसके हाथों में फैल सकता है। इसके बाद अगर वो अच्छे से हाथ नहीं धोता है तो यह वायरस हर उस चीज में फ़ैल जाएगा जिसे भी छुयेगा। जैसे:

  • क्रेयॉन्स और मार्करस
  • भोजन
  • रसोई का सामान
  • खिलौने
  • रिमोट कंट्रोल, मोबाइल, कंप्यूटर आदि
  • पानी

ऐसे में अगर आप बच्चे के हाथों या जिन चीज़ों को उसने छुआ है, उन्हें टच करते हैं तो आप भी इस इंफेक्शन का शिकार हो सकते हैं। यह वायरस तब तक इन चीज़ों में रह सकता है जब तक इन चीज़ों को कीटाणुरहित नहीं किया जाएगा। क्योंकि, यहां कई तरह के रोटावायरस होते हैं और मनुष्य कई बार इनका शिकार बन सकता है।

 

रोटावायरस का जोखिम क्या है?

रोटावायरस इंफेक्शन (Rotavirus infection) इन लोगों में होना बेहद सामान्य है:

  • रोटावायरस इंफेक्शन (Rotavirus infection) का जोखिम 3 से 35 महीनों के बच्चों में अधिक होता है। खासतौर पर वो बच्चे जो घर की तुलना में चाइल्ड केयर सेंटर (Child care centre) आदि में अधिक समय बिताते हैं
  • बुजुर्गों और जो लोग छोटे बच्चों की देखभाल करते हैं, उनमे भी यह इंफेक्शन (Infection) होने की संभावना अधिक होती है।
  • यूनाइटेड स्टेट में, सर्दियों और वसंत में रोटावायरस होने का जोखिम अधिक रहता है।

रोटावायरस के लिए घरेलू उपचार क्या है?

  • रोटावायरस से बचने के लिए खुद भी बाथरूम का उपयोग करने के बाद और खाने से पहले अच्छे से हाथ धोने की आदत अपनाएं और अपने बच्चे को भी सिखाएं।
  • अगर आपके घर में छोटा बच्चा है तो बच्चे का डायपर (Diaper) बदलने या बाथरूम साफ़ करने के बाद अपने हाथ अवश्य धोएं। ऐसे व्यक्ति अपना तौलिया, खाने के बर्तन आदि किसी के साथ शेयर न करें।
  • जिस भी व्यक्ति या बच्चे को रोटावायरस (Rotavirus in child) है, जब उसे अंतिम बाद उल्टी या दस्त हुआ है, उसके 48 घंटों तक उन्हें स्कूल, डे-केयर या ऑफिस नहीं जाना चाहिए।
  • रोटावायरस का पिछला लक्षण दिखाई देने से कम से कम दो हफ़्तों तक स्विमिंग पूल का प्रयोग न करें। क्योंकि स्विमिंग पूल के माध्यम से यह इंफेक्शन (Infection) अन्य लोगों में फ़ैल सकता है।
  • अगर आपका शिशु बीमार है तो उसे थोड़ी देर के बाद कुछ न कुछ तरल देते रहें। अगर आप स्तनपान कराती हैं तो शिशु को बीमार होने पर भी स्तनपान (Breastfeeding) कराती रहें। उसे पूरा आराम करने दें। यही नहीं ,उसे पतला भोजन दें । दही, फल और सब्जियां दे सकते हैं।
  • रोटावायरस होने पर बहुत अधिक तरल पदार्थ लेना आवश्यक है जिसमें ओरल रिड्रेशन तरल भी शामिल है। सोडा, एप्पल जूस (Apple juice), दूध (Milk), दूध से बने पदार्थ (Diary products), चीनी युक्त भोजन आदि न लें। इसके साथ ही कैफीन (Caffeine), एल्कोहॉल (Alcohol), निकोटिन (Nicotine) युक्त आहार लेने से बचे।

रोटावायरस के लिए कौनसे डॉक्टर को दिखाए?

  • General Physicians

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