Intrauterine Insemination
आईयूआई क्या होता है ?
इंट्रायूटेराइन इनसेमिनेशन को आम बोलचाल की भाषा में आईयूआई और हिंदी में अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI Treatment) के नाम से जाना जाता है। यह एक मॉडर्न और एडवांस बांझपन उपचार यानी इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट है।
आईयूआई उन लोगों को संतान का सुख प्राप्त करने में मदद कर सकता है जो किसी कारणवश गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। स्पर्म से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित पुरुष और फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज से पीड़ित महिलाओं के लिए यह एक प्रभावशाली इलाज है।
आईयूआई से पहले कौन से जाँच किए जाते हैं?
- सीमेन टेस्ट
- एचटीएलवी
- आरपीआर
- एचएसजी
- प्रोलैक्टिन
- थायराइड
- एचआईवी
- एंटी एचआईवी
- वीडीआरएल
आईयूआई उपचार से पहले जाँच करने से बांझपन के सटीक कारण और दूसरी बीमारियों की पुष्टि होती है एवं उपचार के सफल होने की संभावना बढ़ती है।
आईयूआई की प्रक्रिया कैसे की जाती है?
- आपको डॉक्टर के साथ कई बार फॉलो-अप मीटिंग करनी पड़ती है जिसमें अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट और दवाओं का निर्धारण आदि शामिल है।
- दवाएं निर्धारित होने पर आप अपनी पीरियड के दौरान इसका सेवन कर सकती हैं।
- दवाओं का सेवन शुरू करने के एक सप्ताह बाद आपको दोबारा अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट के लिए क्लिनिक बुलाया जाता है।
- टेस्ट के परिणामों के आधार पर डॉक्टर इस बात की पुष्टि करते हैं कि आप कब ओव्युलेट करेंगी।
- आईयूआई वाले दिन पुरुष पार्टनर क्लिनिक में अपना सीमेन सैम्पल प्रदान करते हैं या डोनर स्पर्म को तैयार किया जाता है।
- स्पर्म मिलने के बाद, लैब में स्पर्म का शुद्धिकरण किया जाता है ताकि यूटेरस में जलन या दूसरी कोई समस्या न हो।
आईयूआई के लिए एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आईयूआई की प्रक्रिया में निम्न बिंदुएं शामिल हैं।
- सबसे पहले आपको एक एक्जाम टेबल पर लेटने को कहा जाएगा।
- डॉक्टर स्पेकुलम नामक उपकरण का इस्तेमाल कर योनि (वजाइना) को खोलते हैं ताकि यूटेरस को देख सकें।
- एक लंबी और पतली ट्यूब का इस्तेमाल करके डॉक्टर स्पर्म को सर्विक्स से होते हुए गर्भाशय (यूट्रस) में प्रवेश करते हैं।
- उसके बाद, आपको एक्जाम टेबल पर लगभग 20-30 मिनट तक लेटे रहने का सुझाव दिया जाता है।
- प्रक्रिया खत्म होने के कुछ ही घंटों बाद आपको क्लिनिक से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
अधिकतर महिलाओं को आईयूआई के बाद हल्का या बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं को गर्भाशय में हल्की ऐंठन या वेजाइनल ब्लीडिंग का अनुभव हो सकता है।
आईयूआई के बाद गर्भावस्था की जाँच क्या है?
- आईयूआई उपचार के लगभग दो सप्ताह बाद डॉक्टर जाँच की मदद से आपकी गर्भावस्था की पुष्टि करते हैं। प्रेगनेंसी किट की मदद से आप घर पर भी प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। हालाँकि, क्लिनिक में डॉक्टर के मार्गदर्शन में प्रेगनेंसी टेस्ट कराना बेहतर होता है।
- अगर आप आईयूआई के बाद गर्भधारण नहीं कर पाती हैं तो बांझपन के अन्य उपचार का सुझाव देने से पहले आमतौर पर डॉक्टर दोबारा आईयूआई उपचार का सुझाव देते हैं।
आईयूआई के फायदे क्या है?
- कम से कम इनवेसिव प्रक्रिया है
- आईवीएफ या आईसीएसआई की तुलना में सस्ता है
- शरीर पर कम से कम प्रेशर डालता है
- वाशिंग प्रक्रिया स्पर्म की गुणवत्ता को बढ़ाता है जिससे जटिलताओं का खतरा कम या खत्म हो जाता है
- इसे ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड के साथ या बगैर भी किया जा सकता है।
- डॉक्टर योनि और सर्विक्स में कैथेटर को प्रवेश करते हैं। उसके बाद, डॉक्टर कैथेटर को सर्विकल कैनाल के माध्यम से पुश करके उसे गर्भाशय के ऊपर और दायीं या बायीं फैलोपियन ट्यूब की ओर इंगित करते हैं। अंतत: स्पर्म को कैथेटर से गर्भाशय में इंजेक्ट किया जाता है।
- इस प्रक्रिया को पूरा होने में मात्र 10-20 मिनट का समय लगता है। प्रक्रिया खत्म होने के बाद आपको 15-20 मिनट के लिए रिकवरी रूम शिफ्ट किया जाता है।
- यह एक दिन की प्रक्रिया है, इसलिए आपको क्लिनिक में रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- आईयूआई उपचार के लिए एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं पड़ती है। साथ ही, इस प्रक्रिया के दौरान दर्द नहीं होता है।
आईयूआई की आवश्यकता किसे है?
आईयूआई की आवश्यकता अनेकों लोगों को हो सकती है जैसे कि:-
- अस्पष्टीकृत बांझपन से पीड़ित महिलाएं
- वीर्य असामान्यताएं और स्खलन दोष (इजेकुलेटरी डिस्फंक्शन) से पीड़ित पुरुष पार्टनर
- पीसीओएस या हाइपोथैलमिक समस्याओं से पीड़ित महिलाएं जो ओव्युलेट नहीं कर सकती हैं
- पुरुष पार्टनर जिसके पास जमे हुए स्पर्म हैं और उसे सर्जरी, यात्रा या बीमारियों के इलाज से पहले प्राप्त किया गया हो।
- कोई भी व्यक्ति जिसे डोनर स्पर्म की आवश्यकता है जैसे कि LGBT कपल्स, हेट्रोसेक्सुअल कपल्स या अकेली महिलाएं जो गर्भधारण करना चाहती हैं।
आईयूआई का चयन किसे नहीं करना चाहिए?
अगर आप नीचे दी गई समस्याओं से खुद को जोड़ सकती हैं तो आपको आईयूआई का चयन नहीं करना चाहिए।
- गंभीर एंडोमेट्रियोसिस होना
- फैलोपियन ट्यूब से संबंधित गंभीर बीमारी होना
- फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होना या न होना
- पेल्विक इंफेक्शन होना
- स्पर्म की क्वालिटी खराब होना
आमतौर पर, ऊपर बताई गई परिस्थितियों में डॉक्टर आईयूआई की जगह इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) का सुझाव देते हैं।
आईयूआई उपचार के बाद किन बातों का ध्यान रखें?
- खुश रहें
- तनाव से दूर रहें
- मेडिटेशन करें
- रोजाना हल्का व्यायाम करें
- प्रजनन शक्ति बढ़ने वाले पोषक तत्व जैसे कि एंटी-ऑक्सीडेंट्स, फाइबर, डेयरी और प्रोटीन आदि से भरपूर खान-पान की चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।
- कम से कम मीठी चीजों का सेवन करें
- बाहर का खाना बंद कर दें
- अधिक तैलीय और मसालेदार चीजों का सेवन न करें
इन सबके अलावा, नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलें और अपनी प्रेगनेंसी की प्रोग्रेस के बारे में अपडेट रहें।
आईयूआई उपचार के बाद डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आप आईयूआई के लिए प्रजनन दवाओं का सेवन कर रही हैं और नीचे दिए गए लक्षणों को अनुभव करती हैं तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।
- चक्कर आना
- सिर हल्का होना
- अचानक 2-3 किलोग्राम वजन बढ़ना
- साँस लेने में तकलीफ होना
- मतली आना और उल्टी होना
- श्रोणि या पेट में तेज दर्द होना
आईयूआई के लिए कौन से डॉक्टर को दिखाए?
- Gynecologists
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This video Covers the information about:
What is IUI? What tests are done before IUI? Procedure of IUI? Anesthesia is not required for IUI. What are the points involved in the process of IUI? Checking Pregnancy After IUI? Benefits of IUI? Who Needs IUI? Who Should Not Opt for IUI? What to Keep in Mind After IUI Treatment? When to Visit a Doctor After IUI Treatment?
PUBLISHED BY HEALTHS RAINBOW